Hindi translation and typing tips

This post is for Hindi bloggers. Bloggers who understand Hindi but write blogs in some other language (not English) will find it equally useful. यह लेख विशेषकर हिन्दी भाषियों और हिन्दी ब्लॉगर के लिए है। 

यह लेख  कुछ बड़ा होने वाला है इसलिए इसे 3 खण्डों में  बाँट दिया है। 

आप मानेंगे कि ब्लॉगर या अन्य साथी जो हिन्दी भाषी हैं और वेब (इंटरनेट) में हिन्दी भाषा में लेखन में रुचि रखते हैं, उनके रास्ते में सबसे बड़ा व्यवधान होता है हिन्दी में टाइप करना। साथ में, अंग्रेजी के शब्दों, विशेषकर टेक्निकल शब्दों, को हिन्दी में सोचना, लिखना और समझाना कठिन होता है। इसलिए कई बार  हिन्दी के लेखक (साहित्य के लेखकों को छोड़कर) अटक जाते हैं। और जब वह अटकते हैं तो ऐसे शॉर्टकट अपनाते हैं जिनसे उनके ब्लॉग या लेख का स्तर गिर जाता है।  इस पोस्ट में हम देखेंगे कि किस तरह नए उपकरणों/ टूल्स और मेहनत से हम अपने लेखों का स्तर ऊंचा रख सकते हैं। 

हिन्दी में ब्लॉगिंग का अपना विशेष स्थान है, और बहुत सारा मूल लेखन हिन्दी ब्लॉगों पर देखने को मिलता है, इसलिए इसका जिक्र करना जरूरी है। विचारों के हिसाब से देखें तो हिन्दी में ब्लॉगिंग सरल है लेकिन टायपिंग और अनुवाद के साथ -साथ ब्लॉग को संजोना एक और नया काम ब्लॉगिंग में जुड़ जाता है। पिछले 10 वर्षों से हिन्दी के सर्वोत्तम ब्लॉगों  की डायरेक्टरी प्रकाशित करने की वजह से हमारा अनुभव है कि हिन्दी के ब्लॉगर कई कारणों से एक सुरुचिपूर्ण ब्लॉग नहीं सँजो पाते। इस बारे में हमने कई बार चर्चा की है। हिन्दी में लिखे गए इस लेख पर आपको इसकी एक झलक मिल जाएगी: हिदी ब्लॉगों की आम खामियाँ common issues in Hindi blogs। हिन्दी में ब्लॉगिंग पर टिप्स आप इस लिंक पर देख सकते हैं: Tips on blogging in Hindi

इस लेख के अंत में दी गई विशेष टिप्स को देखना न भूलें!

हिंदी टाइपिंग उपकरण और टिप्स : Hindi typing tools and tips

ऑफिस के टाइपिस्ट की तरह हिन्दी में टायपिंग सीखना कठिन है, इसलिए ज्यादातर लोग फोनेटिक टायपिंग करते हैं। इसका मतलब है कि जैसे आप बोलते हैं, उसी तरह अंग्रेजी में टाइप करें तो वह हिन्दी में बदल जाएगी। आप kam टाइप करेंगे तो वह काम  या कम  हो सकता है,जिसमें से आप उपयुक्त शब्द चुन सकते हैं। ऐसी (फोनेटिक) टायपिंग के लिए आप ये टूल अपना सकते हैं: 

क - गूगल इनपुट उपकरण: यह फोनेटिक टायपिंग का लोकप्रिय स्थान है। यहाँ पर आप जो टाइप करेंगे वह हिन्दी में परिवर्तित हो जाएगा। अन्य वेबसाईट जो फोनेटिक हिन्दी टायपिंग करती हैं, वो भी प्रायः गूगल की इस तकनीक की मदद लेती हैं। 

ख - ब्लॉगर नाम के ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म पर हिन्दी सहित दर्जनों भाषाओं में सीधे टायपिंग की जा सकती है। ब्लॉगर पर ब्लॉग खोलें और अपने लेख वहाँ लिखें। अगर आपको यह लेख किसी पत्र-पत्रिका को देना है तो वहीं से कॉपी-पेस्ट कर दें। इसका फायदा यह है कि जो भी आप यहाँ लिखेंगे वह सुरक्षित हो जाएगा जबकि गूगल उपकरण में यह सुविधा नहीं है। अगर कभी ब्लॉगर पर ब्लॉग नहीं खोल है तो इस लिंक पर जाएं: गूगल ब्लॉगर में ब्लॉग कैसे बनाएं? 

ग - सरल हिन्दी टायपिंग (easyhindityping) भी अच्छी वेबसाईट है जो गूगल उपकरण की तरह हिन्दी में टायपिंग करती है। इसका एक फायदा यह है कि इसमें आम बोलचाल के शब्द ज्यादा सही टाइप होते हैं। 

घ - टायपिंग बाबा (typingbaba) हिन्दी में टायपिंग के लिए एक और अच्छी वेबसाईट है। इसमें हिन्दी के फॉन्ट (अक्षर) को आधुनिक फॉन्ट में बदलने (कन्वर्ट करने) की सुविधा भी है। इसलिए अगर आपके पास टाइपिस्ट का टाइप किया हुआ या पुराना लेख है जिसे आप अपने ब्लॉग में डालना चाहते हैं या किसी के साथ साझा करते हैं और उसके अक्षर बिगड़े हुए नजर या रहे हैं तो उसे आप उसे इस वेबसाईट के कन्वर्टर के उपयोग से पढ़ने योग्य बना सकते हैं। 

ङ - ऊपर के टूल ऑनलाइन हैं याने जब इंटरनेट उपलब्ध हो, तभी आप इनका उपयोग कर सकते हैं। लेकिन आप अपने लैपटॉप या कंप्यूटर पर हिन्दी भाषा पैक डाउनलोड कर लें तो किसी भी प्रोग्राम में सीधे हिन्दी में टाइप कर सकते हैं। अगर आपने लैपटॉप या कंप्यूटर उत्तर भारत में खरीदा हो तो यह पैक शुरू से उसमें उपलब्ध हो सकता है। 

च - मोबाईल फोन पर भाषाओं का विकल्प (ऑप्शन) होता है। अपने कीबोर्ड की सेटिंग पर जाकर आप हिन्दी चुन लें तो आप हिन्दी और अंग्रेजी दोनों में साथ-साथ टाइप कर सकते हैं। 

छ - Dictation.io एक सुंदर डिक्टेशन टूल है। इस टूल को डाउनलोड कर लें और इसपर हिन्दी भाषा चुन लें। अब जब आप अपने मोबाईल फोन या लैपटॉप पर इस एप में जाकर हिन्दी में कुछ कहेंगे तो वह हिन्दी में लिख जाएगा। 

English से हिंदी अनुवाद : Translate from English to Hindi

अनुवाद एक कला होती है। आम जन थोड़ा बहुत अनुवाद तो कर सकते हैं, लेकिन अच्छा अनुवाद सबके बस की बात नहीं। बहुत अच्छा अनुवाद तो तब भी मुश्किल होता है जब आपको दोनों भाषाएं अच्छी तरह से आती हों। अगर आप हिन्दी-भाषी हैं और आपको अंग्रेजी कि अच्छे लेख पढ़ने हों तो थोड़ा मदद गूगल ट्रांसलेट से ले सकते हैं। लेकिन ध्यान रहे कि ऐसे अनुवाद मशीन से होते हैं और कभी कभी अर्थ का अनर्थ कर देते हैं। इसलिए कभी भी मशीन से किए हुए अनुवाद को अपनी वेबसाईट या ब्लॉग पर बिना आवश्यक सुधार के नहीं डालें।  

मोबाईल फोन में अनुवाद के लिए गूगल ट्रांसलेट के अलावा माइक्रोसॉफ्ट ट्रांसलेटर भी अच्छी एप है। 

ध्यान रहे कि अनुवाद की ये वेबसाईट, टूल या एप बहुत सारा अनुवाद नहीं करने देते। अगर आपके पास बड़ा लेख हो तो कई बार में अनुवाद करना पड़ेगा। 

हिन्दी टायपिंग, अनुवाद और लेखन संबंधी कुछ सुझाव : Tips on Hindi typing, translation and writing

1. ऊपर दिए गए टूल, वेबसाईट या एप के अलावा बहुत सारे और भी प्रोग्राम या एप हैं जो सरलता से हिन्दी टायपिंग या ट्रान्स्लेशन करते हैं। कुछ ऐसी भी वेबसाईट हैं जो पैसे लेकर यह काम करती हैं। विशेषकर अगर आपको स्तरीय अनुवाद कराना हो तो ये मानव-कृत (मशीन से नहीं) अनुवाद भी करती हैं। 

2. ज्यादातर वेबसाईट या टूल जो यहाँ दिए हैं, वो हिन्दी से इंग्लिश में भी अनुवाद करते हैं। लेकिन मशीन द्वारा किया गया होने की वजह से यह अनुवाद भी बिना गलतियों के नहीं होता।  

3. हिन्दी को Roman या अंग्रेजी के अक्षरों में न लिखें। Rroman में लिखी गई हिन्दी पढ़ना बहुत कठिन होता है। नीचे दिए गए चित्र में टेक्नॉलजी ब्लॉग के एक लेख का अंश देखिए और पढ़ने की कोशिश कीजिए. 

4. जब कोई टेक्निकल या अंग्रेजी का शब्द लिखने की मजबूरी हो तो इनमें से एक चीज करें: या तो उसका अनुवाद दे दें जो कि सरल नहीं होगा और साथ में अंग्रेजी का शब्द अंग्रेजी में ही दे दें। या फिर उस शब्द को देवनागरी लिपि में लिख दें और फिर उसे अंग्रेजी में भी लिख दें। अगर इससे बात नहीं बने तो अच्छे से समझा दें। जो शब्द हिन्दी में आम बोलचाल में प्रचलित हो गए हों, उन्हें देवनागरी लिपि में जस-का-तस लिख दें। उदाहरण के लिए:

क - अद्यतन (update), मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO), कार्य-सूची (agenda), अजेन्डा (कार्य-सूची), कॉपी-पेस्ट (copy-paste),  उपकरण (tool), फोनेटिक (phonetic) टायपिंग, ऑप्शन (विकल्प), हिन्दी फॉन्ट में परिवर्तन (Hindi font conversion)

ख - सोशलिज़ैशन (socialization), सोशलिज़ैशन (सामाजीकरण - socialization), डीएसकैलेशन (याने युद्ध का तनाव कम करना)

ग - अंग्रेजी के शब्द जो हिन्दी में समा गए हैं: वैक्सीन, कोरोना, क्रिकेट, मोबाईल , सोशल मीडिया , टिप्स, अनलाइन, डाउनलोड, लैपटॉप  

hindi translation and typing help
हिन्दी का ब्लॉगों में अनुपयुक्त प्रयोग: कुछ उदाहरण 

ऊपर दिए गए उदाहरणों से आपको समझ आ गया होगा कि हिन्दी के ब्लॉग और वेबसाईट किस बचकाने तरीके से हिन्दी का प्रयोग करते हैं। कुछ ब्लॉगर साथियों का मानना है कि अपनी बात पहुँचाने से मतलब है, भाषा पर क्यों ध्यान दें - जैसे कि अगर आपने घर पर फ्रिज ठीक करने वाले को बुलाया और वह ठीक से बोल नहीं पाता लेकिन अपनी कला में माहिर है तो वह कारीगर उससे अच्छा है जिसे बात करना तो आता है लेकिन फ्रिज ठीक से रिपेयर नहीं कर सकता। ऐसा विशेषकर वह लोग कहते हैं जिन्हें हिन्दी का ज्ञान कम होता है या उन्हें अच्छी हिन्दी लिखने में बहुत मेहनत लगती है। साथ ही, टेक्नॉलजी वाले ब्लॉगर अनावश्यक इंग्लिश इसलिए भी ठूंस देते हैं कि गूगल में उनकी वेबसाइट या ब्लॉग या जाए। कुछ हद तक ऐसा करना तो उचित है (इस लेख में भी किया गया है) लेकिन इतना न किया जाए कि पढ़ने का मन न करे या लगे कि ब्लॉगर या लेखक का स्तर बहुत नीचा है। 

5. अंत में एक और महत्वपूर्ण टिप: हिन्दी में टायपिंग के लिए आपको इन वेबसाईट या प्रोग्राम में एक-एक करके अक्षर टाइप करने होते हैं अगर कोई अक्षर गलत हो गया तो पूरे शब्द को पुनः टाइप करना पड़ता है। अगर आपके ब्लॉग या वेबसाईट या कंप्यूटर में कोई लेख जिसमें हिन्दी को रोमन लिपि में टाइप किया हो तो उसे गूगल ट्रांसलेट में डाल कर देखें। इसकी देवनागरी लिपि में अंतरण तो होगा ही, कुछ शब्दों का अनुवाद भी हो जाएगा! 

उदाहरण के लिए, मेरे पास यह लिखा हुआ था: hindi ke sarvottam blogon kee directory mein aapka blog hai kya? इसे मैंने गूगल ट्रैन्स्लैट में इंग्लिश की जगह डाल दिया तो यह निकल कर आया: हिंदी के सर्वोत्तम ब्लॉगों की निर्देशिका में आपका ब्लॉग है क्या?

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पुनश्च: इस विषय पर यूट्यूब पर यह विडिओ बहुत काम का  है, देखें: hindi me fast typing kaise karen

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